मिशन चंद्रयान-2 के पूरे 3 साल 11 महीने और 23 दिन बाद भारत आज मिशन चंद्रयान-3 लांच करने जा रहा है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए इसे 2 बजकर 35 मिनट पर स्पेस में भेजा जाएगा। भारत इस मिशन से अपनी स्पेस पॉवर दुनिया को दिखाना चाहता है। अगर यह चंद्रयान-3 मिशन कामयाब होता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन जाएगा।
इस स्पेसक्राफ्ट के तीन भाग हैं जिनमें लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल शामिल है। 23 या 24 अगस्त को लैंडर और रोवर चांद के साउथ पोल पर उतरेंगे और 14 दिनों तक चंद्रमा पर परिक्षण करेंगे। इसके अलावा प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा के ऑर्बिट में रहकर धरती से आने वाली रेडिएशन्स की स्टडी करेगा। इस मिशन के जरिए इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा यह पता लगाया जाएगा कि लूनर सतह कितनी सिस्मिक है। इसके साथ ही सतह की मिट्टी और धूल की भी जांच की जाएगी।
चंद्रयान-3 का बजट लगभग 615 करोड़ रूपए है। इससे पहले भेजे गए चंद्रयान-2 की कीमत 603 करोड़ थी। चंद्रयान-2 की लॉन्चिग पर भी 375 करोड़ का खर्च आया था।
चंद्रयान-3 की लॉन्चिग को इसरो की ऑफिशियल वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर लाइव दिखाया जाएगा। इसके साथ ही दूरदर्शन पर इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा।
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